बैतूल। शहर के विवेकानंद वार्ड में स्थित बीआरसी क्लब में संचालित स्विमिंग पूल में 14 वर्षीय किशोर की शुक्रवार शाम को डूब जाने से मौत हो गई थी। बच्चे की मौत के बाद बैतूल गंज पुलिस थाना में मर्ग कायम किया था। वहीं मामले की जांच पड़ताल के बाद शनिवार शाम को क्लब के संचालक कुशल गुप्ता के खिलाफ धारा 304-ए (गैर इरादतन हत्या) के तहत प्रकरण दर्ज किया है। मृतक के परिजनों के बयान भी पुलिस द्वारा लिए गए।
प्राप्त जानकारी के मुताबिक ग्रीनसिटी बैतूल निवासी विनय पिता संजय लिखितकर (14) शुक्रवार को बीआरसी क्लब स्थित स्विमिंग पूल में तैरने गया था। इस बीच उसकी गहरे पानी में डूबने से मौत हो गई। बच्चे के डूबने की खबर मिलते ही परिजन भी मौके पर पहुंचे।
परिजन और क्लब के स्टाफ डूबे बच्चे को निकालकर तत्काल अस्पताल पहुंचे। वहां बच्चे को मृत घोषित कर दिया गया। बताया जाता है कि विनय लिटिल फ्लावर स्कूल में पढ़ता था। इस मामले में पुलिस ने मर्ग कायम कर मामले की जांच की।
टीआई सतीश अंधवान ने बताया कि जांच में यह पाया गया है कि स्विमिंग पूल पर लाइफ जैकेट, ट्यूब, आदि कोई भी सुरक्षा के इंतजाम नहीं थे। ट्रेनर भी उस समय कहीं लाइट बंद होने पर उसे सुधारने चला गया था। ट्रेनर के ना होने पर संचालक को मौजूद रहना था पर वह भी नहीं था। यह घोर लापरवाही है। इस पर बीआरसी क्लब के संचालक कुशल गुप्ता के खिलाफ धारा 304-ए (गैर इरादतन हत्या) का प्रकरण दर्ज कर लिया है।
क्या होती है आईपीसी की धारा 304-ए
वरिष्ठ अधिवक्ता संजय (पप्पी) शुक्ला के मुताबिक जब भी कोई, लापरवाही से, असावधानी से या उतावलेपन से ऐसा कोई भी कार्य करता है जिससे किसी व्यक्ति की मृत्यु हो जाती है, लेकिन जो भारतीय दंड संहिता की धारा 299 में दिए गए प्रावधानों के अनुसार आपराधिक मानव वध के अंतर्गत नहीं आता है। तब यहां इस दशा में उस व्यक्ति पर जिसके द्वारा मृत्यु कारित हुई है, भारतीय दंड संहिता की धारा 304 के अंतर्गत मुकदमा पंजीकृत किया जा सकता है। संज्ञेय अपराध होने के कारण इस धारा के अंतर्गत पुलिस को शिकायत मिलने पर तुरंत संज्ञान ले कर आरोपी को तुरंत गिरफ्तार कर सकती है, और इस धारा के जमानती होने के कारण इस मामले में आरोपी जमानत के लिए न्यायालय में आवेदन भी कर सकता है।